ईवीएम छेड़छाड़: चुनाव आयोग की सर्वदलीय बैठक आज
ईवीएम विवाद के बीच चुनाव आयोग ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। राष्ट्रीय स्तर की 7 और राज्य स्तर की 48 छोटी-बड़ी राजनीतिक पार्टियां इस में शामिल होंगी। सभी के नुमाइंदे अपनी शिकायत और सुझाव लेकर पहुंचेंगे। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा, सपा समेत कुल 16 पार्टियों ने ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाए थे, जिसके बाद चुनाव आयोग ने ऐसा किया है। आयोग ने सभी पार्टियों को ईवीएम से छेड़छाड़ साबित करने की चुनौती दी है। इस महीने के आखिरी हफ्ते में हैकाथॉन की तैयारी है। आज की बैठक में हैकाथॉन की तारीख़ तय हो सकती है। आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि वह ईवीएम की आरओएम (ROM) की मदद से ईवीएम छेड़छाड़ को साबित करके दिखा देंगे। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ के बारे में बात करते वक्त दो सवाल सामने आते हैं। पहला यह है, क्या ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है? जिसका जवाब मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में किए गए डेमो के द्वारा दिया गया जिसे पूरे देश ने देखा। अब दूसरा यह है कि क्या हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई है? इसे साबित करने के लिए हमें चुनाव आयोग से सहयोग की जरूरत होगी।
मदर बोर्ड बदल कर हैक करने की बात कर रहे हैं। एक सात साल के बच्चे को भी पता है कि मदर बोर्ड के बिना कोई भी गैजेट प्लास्टिक का एक डब्बा है। अगर आप अपना मदर बोर्ड लगाओगे तो वो मशीन चुनाव आयोग की थोड़े ही रह जायेगी और इतनी सारी मशीनों में बदर बोर्ड केजू और इनके गुर्गे बदल कर आयेंगे।
सौरभ ने कहा कि हम चुनाव आयोग से मांग करते हैं कि आयोग सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों और आयोग के विशेषज्ञों की एक कमिटी गठित करे। उस कमिटी के समक्ष हाल के विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई आयोग की उन मशीनों की आरओएम से कास्ट किए गए वोटों के क्रम के आधार पर क्रॉस चेकिंग कर सकते हैं। यह पता लगाया जा सकता है कि मशीन ठीक थी या फिर मशीन के साथ छेड़छाड़ की गई। उन्होंने कहा कि इस क्रॉस सत्यापन के लिए राजनीतिक पार्टियों की सहमति के बाद रैंडमली किन्हीं भी पांच बूथ को चुना जा सकता है, जिनके वोट क्रम को चुनाव आयोग ने रजिस्टर में व्यवस्थित भी किया हुआ है।
आप विधायक ने कहा कि ऊपर बताए तरीके से यह पता लगाया जा सकता है कि गत विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई है या नहीं। अगर चुनाव आयोग चाहेगा तो इस प्रयोग के द्वारा ईवीएम की छेड़छाड़ का सच सामने आ सकता है। लोकतंत्र को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी किसी भी लेवल पर जाकर संघर्ष करने के लिए तैयार है क्योंकि अगर ईवीएम की विश्वसनीयता पर पैदा हुए संदेह के पीछे के सच को देश की जनता के सामने नहीं रखा तो यह देश तानाशाही के चंगुल में चला जाएगा। यह किसी भी लोकतांत्रिक गणतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है।